Sunday, 27 November 2022

न्यू आज़ाद

 नव उत्साह और नई उमंग है

नव विचार और नई सोच है,

नव दिशा और नई उड़ान है 

नव हौंसले के साथ आई पैनल ये न्यू आज़ाद है।

नवाचार पेड़ी में करना जिसका मूलमंत्र है

नवयुग की तकनीकी लाना जिसका मूल उद्देश्य है,

नव हौंसले के साथ आई पैनल ये न्यू आज़ाद है।

नव ऊर्जा से भरे नवयुवक जिस पैनल की शान हैं

नवयौवन पेड़ी में लाना जिसका मूल संकल्प है,

नव हौंसले के साथ आई पैनल ये न्यू आज़ाद है।

नवनिर्माण पेड़ी में करना जिस पैनल ने ठाना है

नवजीवन पेड़ी को देना जिसका मूल इरादा है,

नव हौंसले के साथ आई पैनल ये न्यू आज़ाद है।

विकास हो या जय विकास,नहीं कर पाए कोई कल्याण

न्यू आज़ाद पर ही है अब भरोसा सबका अपरंपार

न्यू आज़ाद पर जब होगा इस पेड़ी का दारोमदार

विश्वास दिलाते हैं साथियों तभी होगा इस संस्था का उद्धार।

- सोनल तिवारी


Tuesday, 11 October 2022

महाकाल लोक

 भारत के महान राजाओं ने पुरातन काल में अचंभित करने वाली वास्तुकला और शिल्पकारी से युक्त भव्य मंदिरों का निर्माण कराया जिन्हें बार बार मुग़ल आक्रांताओं द्वारा तोड़ा गया। ये हम इंदौर वासियों के लिए गर्व की बात है कि देश भर में ऐसे कई प्राचीन मंदिरों का पुनरुद्धार और पुनर्निर्माण देवी अहिल्याबाई होलकर द्वारा कराया गया था।


आज उसी परंपरा को जारी रखने का काम हमारे प्रधानमंत्री कर रहे हैं जो केदारनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, अयोध्या राम मंदिर, रामायण सर्किट, चारधाम प्रोजेक्ट और अब महाकाल लोक जैसी योजनाओं के साथ हमारी सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित कर रहे हैं।

सन 1951 में हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री ने पुनर्निर्माण के बाद बने सोमनाथ मंदिर के ऐसे ही कार्यक्रम में अपनी धर्मनिरपेक्षता का हवाला देते हुए शिरकत करने से मना कर दिया था वहीं दूसरी ओर आज हमारे प्रधानमंत्री मोदीजी ने "जय महाकाल" के नारों से पूरे देश को गुंजायमान कर दिया। शायद यही वजह है कि दशकों से अनदेखी और अव्यवस्था झेल रहे इन प्राचीन हिंदू मंदिरों की सूरत अब बदल रही है क्योंकि देश अब बदल रहा है।

And we seriously don't need such hypocrite secular political parties or their leaders who did nothing for nourishing our cultural heritage just bcz of the fear of losing a particular vote bank, rather we need such fearless leaders who feel proud on our legacy. That's why apparently Modiji is the 1st PM who openly participate and encourage such cultural & religious events at such grand level. He is not afraid of anything when he does meditation in Amarnath cave or mantra chanting on a Rudraksh mala inside the Mahakal temple and this thing differentiates him from others .

Tuesday, 12 July 2022

मयखाना

 होश वालों की कहां है कद्र अब मेरे शहर में

खुल गए हर मोड़ पर मयखाने अब मेरे शहर में!

ज़िंदगी छलक रही है बाहर जिन हाथों से
वो कहते हैं कि साग़र से छलकता जाम ही तो है!
शायद अपना अपना देखने का नज़रिया है
सारे ग़मज़दा शराबी तो नहीं,
वो कहते हैं कि पीते हैं ग़म भुलाने को!
शायद अपना अपना देखने का नज़रिया है
ज़िंदगी से बड़ी मसर्रत क्या होगी,
वो कहते हैं उन्हें सुरूर का शौक़ है!
शायद अपना अपना देखने का नज़रिया है
लड़खड़ाते कदमों से चले जाते हैं,
वो कहते हैं उन्हें शराब का ही सहारा है!
शायद अपना अपना देखने का नज़रिया है
नशा समाज की हर बुराई की जड़ है,
वो कहते हैं हुक़ूमत की कमाई का अहम ज़रिया है!
शायद अपना अपना देखने का नज़रिया है
सर झुकाकर निकलते हैं शरीफ़ जहाँ से,
वो कहते हैं नए ज़माने के नौजवानों का चलन है!
शायद अपना अपना देखने का नज़रिया है
निकलो ज़रा संभलकर हर गली कूचे से,
मदहोश है फिज़ा भी अब मेरे शहर में!
होश वालों की कहां है कद्र अब मेरे शहर में
खुल गए हर मोड़ पर मयखाने अब मेरे शहर में!
- सोनल"होशंगाबादी"





Retirement 1

 उत्साह को नई उमंग दे दो

विचारों को नई दिशा दे दो,
हौसलों को नई उड़ान दे दो
रास्ते जो पड़े हैं बरसों से सुनसान,
उन्हें मेरे आने की ख़बर दे दो।
मंज़िलें जो अनछुई हैं
बातें जो अनकही हैं
ख़ामोश लबों को मुस्कुराने की वजह दे दो,
उन्हें मेरे आने की ख़बर दे दो।
मेरे गांव में एक मकान है जो
हरा-भरा उसमें आम का बाग़ है जो
मेरे कदमों को अब उस घर का पता दे दो,
उन्हें मेरे आने की ख़बर दे दो।
बरसों निभा लिए दुनियावी दस्तूर
यूं ही चलते चलते आ गए कितनी दूर
थकान भरे इस सफ़र को फुरसतों का मज़ा दे दो,
उन्हें मेरे आने की ख़बर दे दो।
जिंदगी का ये मुकाम हासिल खुशकिस्मतों को है
कुछ साथी बिछड़ गए,कुछ अब भी मेरे हमराही हैं
मेरे इस काफिले को अब सुकून की पनाह दे दो,
उन्हें मेरे आने की ख़बर दे दो।
ओहदे की बंदिशें न रहीं अब
न वक्त की पाबंदियां हैं
मुझे अब मन-मर्जियां करने की इजाज़त दे दो,
उन्हें मेरे आने की ख़बर दे दो।
उन्हें मेरे आने की ख़बर दे दो।
-सोनल "होशंगाबादी"



Sunday, 26 June 2022

Level of Comedy

 Yesterday watched Padmashri Surendra Sharma ji on d show Laughter challenge & obviously he doesn't need any introduction as we're already aware of his unique humuours style with a serious face. I think this Laughter challenge show will revive & uplift the standard of comedy. It's like a pill to get rid of those stereotyped Kapil Sharma jokes.


No doubt that Mr. Kapil Sharma has  entertained us alot for last few yrs bt i think later on d channel & show makers focused on only sm specific content and a fixed style whr Men hv to be dressed & sound like female to do comedy, whr all d humour is created around a girl's big lips, whr nasty comments are easily allowed on someone's face, physique or complexion in d name of comedy, whr all the humour is dependent on d extent of wch d so called comedian can insult d other1.

Such shows hv degraded d level of comedy so much dt their cheap one-liners like "इसकी शकल तो तवे के हैंडल जैसी है" or "मेरे 5भाई बहन हैं क्योंकि मेरे पापा बेरोजगार थे" or another epic1 "लॉकडाउन में हमारे पास कोई काम नहीं था इसलिए हमने बच्चे पैदा कर लिए" these kind of dialogues are used in our movies also & d most dangerous part is dt sm parents are making & uploading videos of their kids on social media speaking such cheesy lines shamefully wch is not funny at all, atleast for me.

Now d Laughter challenge show has brought sm actual funny talented comedians on stage who are capable to make people laugh by their funny story telling, by sm situational comedy, by sm poetry with a social msg, by doing Wordplay in Hindi or other languages. it's like a much needed relief from all those shallow viral jokes.