Tuesday, 12 July 2022

Retirement 1

 उत्साह को नई उमंग दे दो

विचारों को नई दिशा दे दो,
हौसलों को नई उड़ान दे दो
रास्ते जो पड़े हैं बरसों से सुनसान,
उन्हें मेरे आने की ख़बर दे दो।
मंज़िलें जो अनछुई हैं
बातें जो अनकही हैं
ख़ामोश लबों को मुस्कुराने की वजह दे दो,
उन्हें मेरे आने की ख़बर दे दो।
मेरे गांव में एक मकान है जो
हरा-भरा उसमें आम का बाग़ है जो
मेरे कदमों को अब उस घर का पता दे दो,
उन्हें मेरे आने की ख़बर दे दो।
बरसों निभा लिए दुनियावी दस्तूर
यूं ही चलते चलते आ गए कितनी दूर
थकान भरे इस सफ़र को फुरसतों का मज़ा दे दो,
उन्हें मेरे आने की ख़बर दे दो।
जिंदगी का ये मुकाम हासिल खुशकिस्मतों को है
कुछ साथी बिछड़ गए,कुछ अब भी मेरे हमराही हैं
मेरे इस काफिले को अब सुकून की पनाह दे दो,
उन्हें मेरे आने की ख़बर दे दो।
ओहदे की बंदिशें न रहीं अब
न वक्त की पाबंदियां हैं
मुझे अब मन-मर्जियां करने की इजाज़त दे दो,
उन्हें मेरे आने की ख़बर दे दो।
उन्हें मेरे आने की ख़बर दे दो।
-सोनल "होशंगाबादी"



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