Friday, 12 March 2021

Khabar de do

 उत्साह को नई उमंग दे दो

विचारों को नई दिशा दे दो
हौसलों को नई उड़ान दे दो
तूफ़ानों को मेरा पता दे दो
रास्ते जो पड़े हैं बरसों से सुनसान
उन्हें मेरे आने की ख़बर दे दो।
मंज़िलें जो अनछुई हैं
बातें जो अनकही हैं
ख़ामोश लबों को मुस्कुराने की वजह दे दो
उन्हें मेरे आने की ख़बर दे दो।
वीरान सा एक मकान है जो
उजड़ा सा उसमें आम का बाग़ है जो
उसमें नई कोपलें फ़ूटने की वजह दे दो
उन्हें मेरे आने की ख़बर दे दो।
जो ख़ुश थे मेरे घर में अंधेरा करके
उन नामुरादों को दिवाली की मुबारकबाद दे दो
उन्हें मेरे आने की ख़बर दे दो।
सफ़ेद कपड़ों पर जिनके दाग़ हैं
जिनके बदनुमा चेहरे पर एक नक़ाब है
उन क़ातिलों को मेरे ज़िंदा होने की इत्तला दे दो
उन्हें मेरे आने की ख़बर दे दो।
-सोनल"होशंगाबादी"

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