उत्साह को नई उमंग दे दो
विचारों को नई दिशा दे दोहौसलों को नई उड़ान दे दो
तूफ़ानों को मेरा पता दे दो
रास्ते जो पड़े हैं बरसों से सुनसान
उन्हें मेरे आने की ख़बर दे दो।
मंज़िलें जो अनछुई हैं
बातें जो अनकही हैं
ख़ामोश लबों को मुस्कुराने की वजह दे दो
उन्हें मेरे आने की ख़बर दे दो।
वीरान सा एक मकान है जो
उजड़ा सा उसमें आम का बाग़ है जो
उसमें नई कोपलें फ़ूटने की वजह दे दो
उन्हें मेरे आने की ख़बर दे दो।
जो ख़ुश थे मेरे घर में अंधेरा करके
उन नामुरादों को दिवाली की मुबारकबाद दे दो
उन्हें मेरे आने की ख़बर दे दो।
सफ़ेद कपड़ों पर जिनके दाग़ हैं
जिनके बदनुमा चेहरे पर एक नक़ाब है
उन क़ातिलों को मेरे ज़िंदा होने की इत्तला दे दो
उन्हें मेरे आने की ख़बर दे दो।
-सोनल"होशंगाबादी"
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