बड़ी नेमतों से मिली है ये ज़िंदगी
बेवजह ज़ाया नहीं होनी चाहिएवजह जो कोई न हो तो ख़ुद को ही वजह बना ले तू
सहारे जो कोई न हों तो ख़ुद को ही क़ाबिल बना ले तू
औरतों पे ज़ुल्म करने वालों की कमज़ोरी बता दे तू
ख़ुद को मर्द समझने वालों की ग़लतफ़हमी हटा दे तू
दुनिया से कोई दर्जा हासिल करने की जद्दोजहद अब न कर
अपनी मेहनत का हिस्सा छीनकर एक मुक़ाम बना ले तू।
हर औरत पाक़ीज़ा है
पर नीयत तुम्हारी खोटी है
इंसानी खाल ओढ़े इन भेड़ियों को आईना दिखा दे तू।
दकियानूसी सोच का नामोनिशान मिटा दे तू
समाज के ठेकेदारों को धता बता दे तू।
मर्दों ने ख़ूब सीख ली मर्दानगी अब तक
अब इन नामर्दों को थोड़ी इंसानियत सिखा दे तू!
-सोनल"होशंगाबादी"
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