Wednesday, 21 April 2021

जय श्रीराम

 प्रभु श्रीराम हम सभी के पूर्वज और भारतीय संस्कृति के शलाका पुरुष हैं। यूं तो राम कथा भगवान के धरती पर मनुष्य रूप में अवतार लेने की कहानी है लेकिन मेरे हिसाब से ये एक साधारण मनुष्य के भगवान बनने की कथा है,ये एक राजकुमार के मर्यादा पुरुषोत्तम राम बनने की कहानी है। श्रीराम अपने पूरे जीवनकाल में हमें कोई चमत्कार करते नहीं दिखाई देते बल्कि वो तो अपनी पत्नी का हरण कर लिए जाने पर जंगलों की ख़ाक छानते फ़िरते हैं, वन के पशु-पक्षियों और पेड़-पौधों से अपनी सीता का पता पूछते हैं, लंका जाने के लिए समुद्र से रास्ता देने की याचना करते हैं, युद्ध में वानरों की सहायता लेने से उन्हें परहेज़ नहीं और लक्ष्मण के मूर्छित होने पर जब श्रीराम साधारण मनुष्य की भांति विलाप करते हैं तब भी हनुमानजी उनकी मदद करते हैं। क्या श्रीराम के लिए वाक़ई ये चुनौतियां इतनी बड़ी थीं जिनके लिए उन्हें पग-पग पर दूसरों से सहायता लेनी पड़ी? बिल्कुल नहीं, लेकिन श्रीराम एक आम आदमी की तरह इन मुश्किलों का सामना करके हमें बहुत महत्वपूर्ण संदेश देते हैं कि हमें जीवन की हर मुश्किल का बिना घबराए डटकर सामना करना चाहिए। इसीलिये श्रीराम को आदर्श पुरुष माना गया है। श्रीराम अपनी दैवीय शक्ति से दुख दूर करते नहीं दिखाई देते बल्कि अपने धैर्य और साहस से महान दुखों का भी सामना करते दिखाई देते हैं और यही राम-कथा की विशेषता है। राम-नवमीं की हार्दिक शुभकामनाएं।

-सोनल"होशंगाबादी"

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