जागो रे ....
आज एक बार फिर दुश्मन ने हमे अपने घर में घुसकर ललकारा है लेकिन इसके बावजूद हमारी सरकार कुछ नही कर पा रही। एक अरब से ज्यादा की आबादी रखने वाला देश अपने दो जवानों की मौत का बदला नही ले सकता !क्योकि आज हमारी सेना मजबूर है हमारी अपनी सरकार के हाथो,एक बार फिर बयानबाजियो का दौर शुरू हो चुका है जैसा कि आजकल हर अहम मसले पर हमारे राजनेता शुरू कर देते हैं।आज वही लोग हमारे वीर जवान का सर काटकर ले गए हैं जिनके मुल्क से हाल ही में मंत्रीजी हमारे देश का दौरा करके हमारे अतिथि -सत्कार से अभिभूत होकर अपने देश वापिस गए,शायद उनके देश में आदरसत्कार के बदले ऐसी हैवानियत दिखाने का रिवाज है।यहाँ तक कि हर प्रेस कांफ्रेंस में हमारे मंत्रीजी उनकी हर बात में सिर हिलाते और बाद में उनकी बातों पर सफाई देते ही नज़र आए।दरअसल आज हम हमारे लचर नेतृत्व की वजह से कमज़ोर पड़ गए हैं।आज हमारे देश में एक ऐसा नेतृत्व है जो भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ अनशन कर रहे एक जनसेवक की सुध लेना भी जरूरी नही समझता !जो एक लडकी के साथ हुए अत्याचार के ख़िलाफ़ सडको पर निकले युवाओं के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को दबाने के लिए पुलिस की लाठियों का सहारा लेता है!जो भ्रष्टाचार में फंसे अपने एक मंत्री को और ऊंची कुर्सी देता है!जो अपने भ्रष्टाचार को छुपाने और अपने आप को सही ठहराने के लिए भारत के नियंत्रक -महालेखापरीक्षक The Comptroller and Auditor General (CAG) को गलत साबित करने में भी कोई कसर नही छोड़ता!हालाँकि हमारे राजा जांबाज़ महाराज रणजीत सिंह की कौम से सम्बन्ध रखते हैं लेकिन ये घोर आश्चर्य की बात है कि वे हमेशा मौन ही रहते हैं!भले ही वे एक सज्जन,बुद्धिमान और चरित्रवान व्यक्ति हैं लेकिन जब एक विशाल देश की बागडोर आपके काबिल हाथों में सौंपी गई है तो आपका ये उत्तरदायित्व है कि आप अपनी चुप्पी तोड़ें और कुछ कड़े कदम भी उठायें। अगर हमारे पास आज एक मज़बूत नेतृत्व होता तब शायद इस पाशविक कृत्य के बाद पडोसी देश के प्रतिनिधि की हमारे ही देश में मीडिया के सामने खुलेआम मुस्कुराने की हिम्मत न होती ....
जय हिन्द।
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