Monday, 10 June 2019

हमारे प्रधानमंत्री

दशकों पहले किसी कांग्रेसी ने नारा दिया था "India is Indira & Indira is India" और इस नारे के इंदिरा पर साइड इफ़ेक्ट ये हुए कि उन्होंने देश में आपातकाल लागू कर दिया,लेकिन इसके बावजूद वो देश के इतिहास की सबसे प्रभावशाली प्रधानमंत्री बनी रहीं जिसकी मुख्य वजह पाकिस्तान से बांग्लादेश का विभाजन था। श्रीमती गांधी का राजनीतिक क़द भले ही बहुत बड़ा रहा हो लेकिन अगर बात नैतिक मूल्यों और एक साफ़ छवि वाले प्रधानमंत्री की करें तो लाल बहादुर शास्त्रीजी और अटल बिहारी वाजपेयीजी का कोई सानी नहीं है। वाजपेयी जी कितने सरल हृदय और सम्मानीय नेता थे इस बात का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विरोधी भी उन्हें बुरा नहीं बोल पाते थे वहीं इंदिराजी ने अपने विरोधियों को कुचलने के लिए आपातकाल का सहारा लिया। लेकिन आज के दौर में मोदीजी इंदिराजी से भी बड़े नेता बनकर उभरे हैं। सबसे पहली उनकी ईमानदार छवि जिसकी बानगी हमें उनके भाइयों के साधारण जीवन-स्तर में देखने को मिलती है, उनकी तेज़-तर्रार छवि जिससे पाकिस्तान भी थर-थर कांपता है लेकिन फ़िर भी वे विरोधियों के सारे ज़ुबानी हमले सहते हैं,उनकी वाकपटुता जिसे सुनने उनकी सभा में लाख़ों की भीड़ उमड़ पड़ती है,उनका कूटनीतिक कौशल जिसके चलते आखिरकार न चाहते हुए भी चीन को भी वैश्विक पटल पर हमारा साथ देना पड़ा और लोगों के बीच उनकी ज़बरदस्त लोकप्रियता ऐसी कि प्रियंका गांधी के रोड शो में कई जगह लोग मोदी-मोदी के नारे लगा रहे थे,ऐसा क़द्दावर व्यक्तित्व कि जिस अमेरिका ने कभी उन्हें वीसा देने से मना किया था उसने ख़ुद उन्हें आमंत्रित किया और जमकर ख़ातिरदारी की। ऐसे मेहनती,कर्मठ और जुझारू प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारा देश पुनः विश्व-गुरु बनने के मार्ग पर अग्रसर है।

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