अमेठी में स्मृति ईरानी के कार्यकर्ता की हत्या इस बात का प्रमाण है कि विपक्षी दल से अपनी ये हार बर्दाश्त नहीं हो रही है और इस तरह के हथकंडे अपनाकर अमेठी की जनता को डराने की कोशिश हो रही है। इन विपक्षी राजनीतिक दलों और नेताओं का यही चरित्र है। इनकी एक नेता ने एक बार बहुत ही हास्यास्पद बयान में ये कहा था कि लोकतंत्र में हमेशा कमज़ोर सरकार होनी चाहिए,एक नेता टोंटी चोर और मंदिरों से लाउडस्पीकर हटवाने को लेकर कुख्यात हैं, एक चारा चोर हैं,एक नेता ने लेडी डॉन बनकर बंगाल में सरेआम क़त्लेआम मचा रखा है...तो जनता भी इतनी बेवकूफ़ नहीं है कि ऐसे भ्रष्टाचारियों और क़ातिलों के हाथ में देश सौंप दे। बहरहाल अमेठी हत्याकांड की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए क्योंकि इसमें राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के भी शामिल होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
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