मध्यप्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बने जुम्मा-जुम्मा 6महीने भी नहीं हुए हैं और ऐसा लग रहा है जैसे इन प्रदेशों की जनता ने इस आम चुनाव में भाजपा को प्रचंड बहुमत देकर पश्चाताप किया हो। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार ने आते ही तानाशाही रवैया अख्तियार करते हुए विभिन्न विभागों के बेक़सूर सरकारी कर्मचारियों पर एकतरफा कार्यवाही करना शुरू कर दिया। जहां हमारे पूर्व मुख्यमंत्री एक किसान थे जो प्रदेश की सभी महिलाओं के भाई बनकर हम सबके मामा कहलाते थे वहीं वर्तमान मुख्यमंत्री एक उद्योगपति हैं जिनका आचार-व्यवहार भी उद्योगपति जैसा ही है,आसान भाषा में कहें तो हमारे वर्तमान सीएम और पूर्व सीएम की जनता के बीच लोकप्रियता में ज़मीन-आसमान का अंतर है। हमारे पूर्व सीएम आज भी प्रदेश में जहां कहीं जाते हैं तो लोग उनके सामने पछतावे के आंसू बहाने लगते हैं लेकिन वर्तमान सीएम महोदय इस मैदानी हक़ीक़त से मुंह मोड़कर अपनी झूठी क़र्ज़माफी का ही ढिंढोरा पीटते रहे जिसका नतीजा ये रहा कि प्रदेश के दो राजाओं की गद्दी भी छिन गयी।
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