Monday, 10 June 2019

Namo again

आज मोदीजी दोबारा विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं। पहली बार कोई ग़ैर-कांग्रेसी सरकार अपना एक कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा पूर्ण बहुमत से सत्ता में लौटी है और भी कई कीर्तिमान इस चुनाव में मोदी-शाह की जोड़ी ने बनाये हैं। इस शपथ ग्रहण समारोह में कई विदेशी मेहमान भी आकर्षण का केंद्र होंगे,इसके साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्तर तक के नेताओं को भी न्यौता भेजा गया है। लेकिन इस समारोह की सबसे बड़ी ख़ासियत है कि पहली बार किसी शपथ ग्रहण समारोह में उन सैकड़ों कार्यकर्ताओं के परिजन भी शामिल होंगे जो चुनावी हिंसा में मारे गए थे। कल से बंगाल के रेल्वे स्टेशनों पर दिल्ली जाने वालों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। पिछले आम चुनाव में बंगाल में ख्यात गायक बाबुल सुप्रियो की एक सीट से लेकर इस चुनाव में भाजपा के 18सीट लाने के बीच का दौर ऐसे सैंकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं के ख़ून से रंगा हुआ है। जैसे यूपी की जनता बुआ-बबुआ के 15साल के शासन से त्रस्त हो चुकी थी, ठीक वैसे ही शांतिप्रिय और कलाप्रेमी बंगाली समुदाय भी दीदी की तुष्टिकरण की नीतियों से त्रस्त हो चुका था और आखिरकार उसे अपनी विरासत की रक्षा करने के लिए एकजुट होना पड़ा और बंगाल के इतिहास में शायद पहली बार हमने जय श्रीराम का नारा लगाते भगवाधारियों को देखा। लेकिन ये आश्चर्य की बात है कि इतनी सारी राजनीतिक हत्याओं पर सारा मीडिया,अवार्ड वापसी गैंग यहां तक कि विभिन्न मानवाधिकार संगठन भी ख़ामोश रहे। लेकिन आज जश्न के मौके पर प्रधानमंत्री अपने इन बेनाम शहीदों को नहीं भूले और उनके परिवार वालों को न्योता भेजकर ये बता दिया कि पार्टी इन परिवारों के साथ हमेशा खड़ी है।

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